इतना मिला जो प्यार
तो, हैरान सी मर जाऊंगी,
आसानियाँ होंगी तो हो
मजबूर- ठहर जाऊंगी.
इतना यकीं है तुमसा
कोई, ढूँढे से नहीं पा सकते,
अल्ला-कसम मिला कोई, अल्लाह
से डर जाऊंगी.
रौशनी नहीं तो क्या, थोड़ी
सी देर रूक तो लो,
बिजली सी बनके देखना, तुम
में उतर जाऊंगी.
पत्थर हूं, मै
चट्टान हूं- जब तक तू मेरा साथिया,
तुमसे बिछड ऐ ‘नज़र’,
मै रेत सी- झर जाऊंगी.
बदली है कैसी ये हवा, चलने
लगी हैं आंधियां,
पकड़ा न मेरा हाथ जो, बह
के किधर जाऊंगी.
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