कविताएं- केशव 'कहिन' और ग़ज़लें- के 'नज़र' के नाम से
आज वो आए हैं इक आग-सी लगी है तो बरसता नहीं पानी ! उनके आने से अब आग तो लोगों के दिलों में लगी होगी न ... !वहीं बरस रहा होगा ...:) अच्छा लिखा केशव जी !
आपने कहा-
आज वो आए हैं
इक आग-सी लगी है
तो बरसता नहीं पानी !
उनके आने से अब आग तो लोगों के दिलों में लगी होगी न ... !
वहीं बरस रहा होगा ...
:)
अच्छा लिखा केशव जी !